माँ शोक दुःख निवारिणी, हे सर्व मंगलकारिणी
तू ही शुम्भ-निशुम्भ विदारिणी, तू चंड-मुण्ड संहारिणी।
हे महिष्दानव मर्दिनी, काली है तू ही कपालिनी
हे माँ तू सृष्टि सृजन करे, तू ही दानवों का दलन करे।
दुर्गा तू ही - लक्ष्मी भी तू, तू ही सरस्वती का स्वरुप है
कण कण में तू ही समायी है, कभी छाँव है कभी धूप है।
हे चिन्तपूर्णि नमोस्तते, हे ज्वाला देवी नमोस्तते,
चामुण्डा देवी नमोस्तते, माँ नैना देवी नमोस्तते।
मीनाक्षी देवी नमोस्तते, कामाख्या देवी नमोस्तते
हे भद्रकाली नमोस्तते, माँ शेराँवाली नमोस्तते।
हे सर्वशक्ति नमोस्तते, सुर और भक्ति नमोस्तते।
नमोस्तते, नमोस्तते - नमोस्तते, नमोस्तते .......।
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